दिल्ली में पहली बार कॉम्बेट ड्रोन से दवा का छिड़काव, पांच दिन में किया 15 जगहों को सैनिटाइज

 


दिल्ली में पहली बार कॉम्बेट ड्रोन से दवा का छिड़काव, पांच दिन में किया 15 जगहों को सैनिटाइज 


दिल्ली में कोरोना वायरस को लेकर पहली बार कोरोना कॉम्बेट ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके जरिये सैनिटाइजेशन का काम शुरू हो चुका है। बृहस्पतिवार को पश्चिम विहार इलाके में इस ड्रोन से वायरस नाशक दवा का छिड़काव किया गया। 


 

इंडियन रोबोटिक सोल्यूशन द्वारा बनाए  इस कोरोना कॉम्बेट ड्रोन के जरिये बीते पांच दिन में 15 जगहों पर सैनिटाइजेशन का काम पूरा हो चुका है, जिसमें शकरपुर के अलावा करोल बाग, पटेल नगर, लाल बाग, सदर बाजार, अशोक विहार, नरेला बाग़ और पहाड़गंज के कई इलाके शामिल हैं। 

इंडियन रोबोटिक सोल्यूशन के फाउंडर सागर गुप्ता ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर ड्रोन एक सुरक्षित विकल्प है। महामारी रोकने में ये मददगार साबित हो सकता है। 

दिल्ली के कैंसर अस्पताल में कई और संदिग्ध
 दिल्ली राज्य कैंसर अस्पताल में अभी कई और कोरोना संदिग्ध हैं। यहां भर्ती मरीजों से लेकर स्टाफ तक को संदिग्ध माना जा रहा है। अस्पताल में भर्ती मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे जा चुके हैं जिनकी रिपोर्ट का इंतजार है। अस्पताल के सूत्रों के अनुसार अभी तक दो डॉक्टरों सहित 23 कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। जानकारी के अनुसार अस्पताल में भर्ती 17 कैंसर मरीजों के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। वहीं, सात मरीजों को डिस्चॉर्ज भी कर दिया है। 

एक रेजीडेंट महिला डॉक्टर के अपने भाई के संपर्क में आने पर संक्रमित होने के बाद अस्पताल की कई नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं। सूत्रों के अनुसार अभी तक यह पता नहीं चला है कि संक्रमण की असली वजह क्या है? सबसे पहले एक नर्सिंग अधिकारी संक्रमित हुआ था। वह 22 मार्च तक अस्पताल आया था लेकिन इसके बाद वह नहीं आया। फिर एक महिला रेजीडेंट डॉक्टर संक्रमित मिली। उस दौरान भी ओपीडी चलती रही लेकिन बाद में कुछ और मरीजों के संक्रमित मिलने के बाद ओपीडी बंद की गई। 

अस्पताल के निदेशक डॉक्टर बी एल शेरवाल का कहना है कि अभी मरीजों के सैंपल की रिपोर्ट नहीं आई है। हालांकि अस्पताल से सात मरीजों को छुट्टी मिलने की जानकारी पर उन्होंने कहा कि इसकी जांच कराने के बाद ही वे कुछ कह सकेंगे।